2019 में जाति विरोधी नेता टीएम उमर फ़ारुख़ की पुण्यतिथि के मौक़े रंजीत ने राजा राज चोलन की यह कहकर आलोचना की थी कि उनके शासनकाल में जाति व्यवस्था प्रचलन में थी, जिसके दौरान दलितों की ज़मीनें ज़ब्त की गईं और देवदासी प्रथा शुरू हुई. इस पर तंजावुर पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेते हुए उनके ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की थी.
काला और कबाली फिल्म बनाने वाले पा रंजीत ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में चोल वंश के राजा को जातिवादी बताया था और कहा था कि वो समय दलितों के लिए एक काला दौर था.