इंटरनेट पर ट्रोल्स की तादाद इतनी हो चुकी है कि लगता नहीं कि वे जल्दी यहां से जाने वाले हैं. लेकिन अगर उनकी चरित्रगत ग्रंथियां, उनके तरीके और तकनीकें समझ लें, तो अपनी मानसिक शांति और संतुलन खोए बिना उनके उत्पात और हमलों का सामना कर पाएंगे.
ट्रोलिंग पर विशेष सीरीज़: वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ बता रहे हैं कि ट्रोल्स को गंभीरता से लिए जाने की ज़रूरत नहीं है.