पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने सवाल उठाया है कि भारत मिसाइल के दुर्घटनावश प्रक्षेपण के बारे में पाकिस्तान को तुरंत सूचित करने में विफल क्यों रहा तथा उसने पाकिस्तान के घटना की घोषणा करने और स्पष्टीकरण मांगने तक इसे स्वीकार करने का इंतज़ार क्यों किया? बीते नौ मार्च को पाकिस्तानी क्षेत्र में दुर्घटनावश मिसाइल के फायर होने पर भारत ने खेद जताते हुए उच्चस्तरीय ‘कोर्ट ऑफ इंक्वायरी’ का आदेश दिया है.
भारतीय रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि तकनीकी ख़राबी के कारण नौ मार्च को नियमित रखरखाव के दौरान दुर्घटनावश एक मिसाइल चल गई थी. सरकार ने दुर्घटनावश मिसाइल चल जाने की घटना को गंभीरता से लिया है और उच्चस्तरीय ‘कोर्ट ऑफ इंक्वायरी’ के आदेश दिए हैं. पाकिस्तान ने उसके हवाई क्षेत्र के कथित उल्लंघन को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया था.
पाकिस्तान ने दूसरी बार भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विमान को अपने हवाईक्षेत्र के इस्तेमाल की अनुमति देने से इनकार किया है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री का कहना है कि जम्मू कश्मीर में मानवाधिकारों के कथित हनन के चलते ऐसा किया गया है.
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने राष्ट्रपति की उड़ान के लिए पाकिस्तान द्वारा अपने हवाई क्षेत्र का प्रयोग नहीं करने देने पर कहा कि हमें पाकिस्तान सरकार के फैसले पर अफसोस है क्योंकि सामान्यत: किसी भी देश द्वारा ऐसी मंजूरी प्रदान कर दी जाती है.
नागर विमानन मंत्री हरदीप पुरी ने संसद में यह जानकारी दी. 26 फरवरी को भारत द्वारा सीमा पार बालाकोट में आतंकवादी शिविरों को नष्ट करने के लिए की गई ‘एयर स्ट्राइक’ के बाद पाकिस्तान ने अपनी वायु सीमा बंद कर दी थी.