पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने अप्रैल में जाधव को जासूसी और आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी, जिस पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय द्वारा भारत की अपील के बाद रोक लगा दी गई थी.
डॉन अख़बार ने अपने संपादकीय में कहा है कि पाकिस्तान सरकार को मानवीय आधार पर जाधव की मां को वीजा प्रदान करना चाहिए.
बीते दिनों सेना के हाथों दो भारतीय अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन का शिकार हुए हैं, लेकिन भारत सरकार के अधिकारी और पूरा देश इनमें से सिर्फ एक के अधिकारों के लिए लड़ता दिख रहा है.
अंतर्राष्ट्रीय न्याय अदालत ने कुलभूषण जाधव की फांसी पर लगाई रोक, कहा- वियना समझौते के तहत यह आदेश भारत और पाकिस्तान दोनों के लिए बाध्यकारी है.
कुलभूषण जाधव की फांसी पर अंतर्राष्ट्रीय न्याय अदालत ने रोक लगा दी है. इस मसले पर द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन का वक्तव्य.
अंतर्राष्ट्रीय न्याय अदालत में भारत ने कुलभूषण जाधव के उचित क़ानूनी प्रतिनिधित्व की मांग करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने मानवाधिकारों की धज्जियां उड़ा दी है.
अंतरराष्ट्रीय अदालत से की गई अपील में भारत ने पाकिस्तान पर विएना समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा कि जाधव का ईरान से अपहरण किया गया था.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि अगर कुलभूषण जाधव को फांसी हुई तो भारत और पाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंधों पर विपरीत असर पड़ेगा. जाधव केवल अपने मां-बाप के बेटे नहीं, बल्कि पूरे हिंदुस्तान के बेटे हैं.