वीडियो: देश में लगातार बढ़ रही महंगाई और बेरोज़गारी का हाल ऐसा है कि प्रधानमंत्री द्वारा रोज़गार के रूप में गिनाया गया पकौड़ा बेचने का काम भी करना अब मुश्किल होता जा रहा है. वर्तमान भारतीय अर्थव्यवस्था, बेरोज़गारी और बढ़ती महंगाई पर बाथ यूनिवर्सिटी के विज़िटिंग प्रोफेसर संतोष मेहरोत्रा से द वायर के मुकुल सिंह चौहान से बातचीत.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चंडीगढ़ में एक रैली के दौरान कुछ कार्यकर्ताओं ने ग्रैजुएशन का कपड़ा पहनकर पकौड़े बेचते हुए बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं ने कहा कि ये ‘मोदीजी का पकौड़ा’ है.
भाजपा के आर्थिक मामलों के प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा कि भारत में नए रोज़गार चाहने वालों की संख्या बहुत अधिक है. इतनी बड़ी संख्या में युवाओं को नई सरकारी नौकरी नहीं दी जा सकती. इसीलिए हमारा ज़ोर उद्यमिता और स्व-रोज़गार पर है.
व्यंग्य: हे पकौड़ा! तुम चाय की तरह हमेशा के लिए अमर हो जाते अगर मोदीजी कह देते, ‘मैं चाय के साथ पकौड़ा भी बेचता था, इसलिए मैं चाहता हूं भाइयों-बहनों की पूरा हिंदुस्तान चाय-पकौड़ा बेचे’.
छात्र-छात्राओं ने ‘मोदी पकौड़ा’, ‘अमित शाह’ पकौड़ा तथा ‘डॉ. येद्दि’ पकौड़ा बेचने के साथ इस संबंध में दिए गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की निंदा की.