कोर्ट ने सीबीआई को जनवरी के पहले सप्ताह में यह सूचित करने का निर्देश दिया कि यदि इन सभी मामलों में एक समानता नज़र आती है तो उसे सभी मामलों की जांच क्यों नहीं करनी चाहिए.
सनातन संस्था एवं हिंदू जनजागृति समिति जैसे ‘आध्यात्मिक’ कहे जाने वाले संगठनों से कथित तौर पर संबद्ध कई लोगों की गिरफ़्तारी इनकी अतिवादी गतिवधियों की ओर इशारा करती है. बीते दिनों सामने आया एक स्टिंग ऑपरेशन बताता है कि अपनी संगठित हिंसक गतिविधियों के बावजूद इन संगठनों को मिले राजनीतिक संरक्षण के चलते उनके ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई से हमेशा बचा गया.
इंटरपोल ने इन संदिग्धों में से चार के नाम मडगांव बम धमाके में शामिल होने के आरोप में रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया था.