केंद्र ने राज्यसभा में बताया है कि उसके पास ‘शेल कंपनियों’ के बारे में कोई जानकारी नहीं है, जबकि सरकार ने 2018 और 2021 के बीच 2,38,223 शेल कंपनियों की पहचान की थी और 2017 में एक टास्क फोर्स का भी गठन किया था. आम तौर पर ‘शेल कंपनियों’ के तौर पर कर चोरी समेत अवैध गतिविधियों में शामिल कंपनियों को संदर्भित किया जाता है.
बीते दिनों कारवां पत्रिका ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल की टैक्स हेवन देशों में कंपनियां खोलने से संबंधित रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसे लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने उन देशों से आए एफडीआई पर सवाल उठाए थे.
डी-कंपनी नाम से अब तक दाऊद का गैंग ही होता था. भारत में एक और डी कंपनी आ गई है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और उनके बेटे विवेक और शौर्य के कारनामों को उजागर करने वाली कारवां पत्रिका की रिपोर्ट में यही शीर्षक दिया गया है.
जन गण मन की बात की 147वीं कड़ी में विनोद दुआ नोटबंदी के एक साल और पैराडाइज़ पेपर्स मामले पर चर्चा कर रहे हैं.
ज़ी समूह और नेटवर्क 18 के भी नाम जुड़े. कांग्रेस ने जयंत सिन्हा व आरके सिन्हा से मांगा इस्तीफा, सरकार पर लगाया कालेधन पर कुछ नहीं करने का आरोप.
इन दस्तावेजों में मोदी सरकार में मंत्री जयंत सिन्हा, भाजपा सांसद आरके सिन्हा, अशोक गहलोत, अमिताभ बच्चन, विजय माल्या समेत कई लोगों व कंपनियों के नाम हैं.