कर्नाटक की भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा जुलाई 2019 से अप्रैल 2023 के बीच वापस लिए कुल 385 आपराधिक मामलों में 182 मामले हेट स्पीच, गोरक्षा और सांप्रदायिक हिंसा से संबंधित थे, जिनमें से अधिकांश घटनाएं दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं से संबंधित थीं और 1,000 से अधिक लोग इनमें आरोपी थे.