चुनावी मैदान में जीत विनेश की लड़ाई का अंत नहीं है. यह दरसअल शुरुआत है. जिन आकांक्षाओं को लेकर उन्हें बतौर खिलाड़ी अपना करिअर शिखर पर छोड़कर राजनीति का रुख़ करना पड़ा, उन सपनों को पूरा करने का रास्ता अब आरंभ होता है.
विनेश फोगाट की कहानी संघर्ष, कड़ी मेहनत और साहस की एक ज़िंदा मिसाल है. एक ऐसी मिसाल जो दिखाती है कि विरोधियों या शासक वर्ग द्वारा संरक्षित खेल संघों में बैठे मुखियाओं के ख़िलाफ़ हार मान लेना कोई विकल्प नहीं है.
भारत में विनेश फोगाट का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने दावा किया है कि पेरिस ओलंपिक में भारतीय पहलवान को फाइनल से पहले अयोग्य ठहराए जाने के निर्णय पर भारत सरकार केवल तभी जागी जब ओलंपिक खेलों के दौरान खिलाड़ियों की क़ानूनी सहायता के लिए गठित पैनल के निशुल्क वकीलों ने फोगाट का मामला कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स में उठा दिया था.
वीडियो: पेरिस ओलंपिक में भारतीय पहलवान विनेश फोगाट को फाइनल से ठीक पहले अयोग्य घोषित किए जाने के बाद केंद्रीय खेल मंत्री उन पर किए गए ख़र्च गिनाते दिखे. इस पूरे घटनाक्रम और खेलों के प्रति सरकार की रवैये पर वरिष्ठ खेल पत्रकार प्रदीप मैगजीन और द वायर के पत्रकार अतुल अशोक होवाले के साथ चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
भारतीय पहलवान अंतिम पंघाल के ख़िलाफ़ ये कार्रवाई अनुशासनात्मक उल्लंघन के बाद की गई है. पंघाल ने अपना ओलंपिक विलेज मान्यता (एक्रेडिटेशन) कार्ड अपनी बहन को दिया था, जिसके चलते भारतीय ओलंपिक संघ ने उन्हें देश वापस भेजे जाने का फैसला लिया.
भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक से अयोग्य घोषित किए जाने के कुछ ही घंटों बाद केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने लोकसभा में अपने भाषण में गिनाया कि ओलंपिक की तैयारी के लिए भारत सरकार ने उन्हें कितनी वित्तीय सहायता प्रदान की. इसके विरोध में विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर लिया.
ओलंपिक में कुश्ती के फाइनल मुक़ाबले से पहले कुछ ग्राम बढ़े वजन के चलते अयोग्य घोषित कर दी गईं भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने संन्यास की घोषणा के साथ अपनी मां को संबोधित करते हुए लिखा कि 'आपका सपना-मेरी हिम्मत सब टूट चुके. इससे ज़्यादा ताक़त नहीं रही.'
पेरिस ओलंपिक में महिला कुश्ती के 50 किग्रा वर्ग के स्वर्ण पदक मुक़ाबले से ठीक पहले भारतीय पहलवान विनेश फोगाट को अयोग्य घोषित किए जाने के बाद नारीवादियों ने उन्हें पत्र लिखकर कहा है कि मेडल मिलना-नहीं मिलना जीत का पैमाना नही, सफलता और जीत का पैमाना दृढ़ता और हिम्मत है.
दिल्ली के जंतर मंतर पर बिताई भीषण गर्मियों की रातों से लेकर पेरिस के स्वर्ण मेडल मुकाबले तक की उनकी यात्रा राष्ट्रीय इतिहास का दमकता पन्ना है. उनकी कथा हमारा सामूहिक स्वप्न है. उनकी इस यात्रा के साक्षी बरसों बाद अपनी आगामी पीढ़ियों को बताया करेंगे कि वे विनेश फोगाट के समकालीन थे.
भारतीय ओलंपिक संघ ने एक बयान जारी कर बताया है कि महिला कुश्ती के 50 किग्रा वर्ग से विनेश फोगाट को अयोग्य घोषित कर दिया गया क्योंकि उनका भार तय नियमों से सौ ग्राम ज़्यादा था. मंगलवार को फोगाट ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनी थीं.
महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपी भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ आंदोलन का नेतृत्व करने वालीं विनेश फोगाट अमूमन 53 किलोग्राम भार वर्ग में खेलती हैं, लेकिन इस वर्ग में किसी अन्य पहलवान द्वारा क्वालीफाई किए जाने के बाद उन्होंने 50 किलोग्राम भार वर्ग में चुनौती पेश की थी.