क्या सरकार खिलाड़ियों का करिअर बना-बिगाड़ सकती है?

वीडियो: पेरिस ओलंपिक में भारतीय पहलवान विनेश फोगाट को फाइनल से ठीक पहले अयोग्य घोषित किए जाने के बाद केंद्रीय खेल मंत्री उन पर किए गए ख़र्च गिनाते दिखे. इस पूरे घटनाक्रम और खेलों के प्रति सरकार की रवैये पर वरिष्ठ खेल पत्रकार प्रदीप मैगजीन और द वायर के पत्रकार अतुल अशोक होवाले के साथ चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.

देश की सौ से अधिक नारीवादियों ने विनेश को लिखा- तुम हारी नहीं हो, हीरो हो

पेरिस ओलंपिक में महिला कुश्ती के 50 किग्रा वर्ग के स्वर्ण पदक मुक़ाबले से ठीक पहले भारतीय पहलवान विनेश फोगाट को अयोग्य घोषित किए जाने के बाद नारीवादियों ने उन्हें पत्र लिखकर कहा है कि मेडल मिलना-नहीं मिलना जीत का पैमाना नही, सफलता और जीत का पैमाना दृढ़ता और हिम्मत है.

विनेश फोगाट राष्ट्रीय धरोहर हैं, उनका जीवन महाकाव्य

दिल्ली के जंतर मंतर पर बिताई भीषण गर्मियों की रातों से लेकर पेरिस के स्वर्ण मेडल मुकाबले तक की उनकी यात्रा राष्ट्रीय इतिहास का दमकता पन्ना है. उनकी कथा हमारा सामूहिक स्वप्न है. उनकी इस यात्रा के साक्षी बरसों बाद अपनी आगामी पीढ़ियों को बताया करेंगे कि वे विनेश फोगाट के समकालीन थे.

आम बजट के बाद खेलों के लिए मिलने वाले फंड में ग़ैर-भाजपा शासित राज्यों से भेदभाव का आरोप

खेलो इंडिया योजना के तहत जारी कुल 2,168.78 करोड़ रुपये में से एक बड़ा हिस्सा भाजपा शासित राज्यों- यूपी (438 करोड़ रुपये) और गुजरात (426 करोड़ रुपये) को दिया गया है. वहीं खेलों में आगे रहने वाले हरियाणा को 66.59 करोड़ रुपये और पंजाब को 78.02 करोड़ रुपये मिले हैं.