संसदीय समितियों के पुनर्गठन के बाद गृह विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, रक्षा विभाग, विदेश विभाग, वित्त विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी छह प्रमुख संसदीय समितियों के अध्यक्ष पद भाजपा या उसके सहयोगी दलों के पास चले गए हैं. संसद की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी तृणमूल कांग्रेस को किसी भी समिति की अध्यक्षता नहीं मिली है.
दिसंबर 2019 में संसद में पारित संशोधित नागरिकता अधिनियम अभी लागू नहीं हुआ है क्योंकि इसके तहत नियम बनाए जाने बाकी हैं. नियम बनाने के लिए गृह मंत्रालय अब तक पांच बार समय विस्तार मांग चुका है.
आठ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में इन कर्मचारियों को साल 2009 से ही महज 1,000 रुपये प्रति माह वेतन मिल रहा है, जबकि कई संसदीय समितियों ने वर्षों से इसमें बढ़ोतरी की सिफ़ारिश की है.
राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय, राष्ट्रीय पुस्तकालय समेत देश के कई अहम सांस्कृतिक संगठनों में प्रमुख के पद ख़ाली, संसदीय समिति ने निराशा व्यक्त की.