जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक ने अक्टूबर 2021 में दावा किया था कि उन्हें परियोजना से संबंधित दो फाइलों को मंज़ूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी. हालांकि उन्होंने सौदों को रद्द कर दिया था. इस आरोप के आधार पर सीबीआई ने मामले में दो मामले दर्ज किए थे.