बिहार में नीतीश कुमार द्वारा भाजपा नेतृत्व वाले राजग के साथ गठबंधन तोड़ने और विपक्षी महागठबंधन में लौटने के बाद ये घटनाक्रम सामने आया है. पवन के. वर्मा और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को साल 2020 में जदयू से उस वक़्त निष्कासित कर दिया गया था, जब उन्होंने विवादास्पद नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) का खुलकर विरोध किया था.