यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) का गठन 1964 में हुआ था. यह भारतीय क्षेत्र के भीतर और बाहर दोनों जगह से काम कर रहा है. यह उन आठ मेईतेई चरमपंथी संगठनों में से एक है, जिन्हें गृह मंत्रालय ने आतंकवाद विरोधी क़ानून, ग़ैर-क़ानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत ग़ैर-क़ानूनी संगठन घोषित किया है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सरकार से मांग की कि वह नगा समूहों से हो रही बातचीत के नियम और शर्तों को सार्वजनिक करे. इसके अलावा उन्होंने तीन राज्यों- मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और असम, जो नगा शांति वार्ता से प्रभावित हो सकते हैं, उन्हें इस बातचीत में शामिल करने की भी मांग की है.