गुजरात हाईकोर्ट की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए भारतीय स्टेट बैंक से कहा कि बैंकिंग नियामक क़ानून कहता है कि 50 पैसे से कम की रकम की गणना नहीं की जानी चाहिए, ऐसे में आप लोगों का उत्पीड़न क्यों कर रहे हैं? यह बैंक प्रबंधक द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न के अलावा और कुछ नहीं है.