डिजिटल निजी डेटा सुरक्षा (डीपीडीपी) विधेयक का वह संस्करण जिसे कैबिनेट की मंज़ूरी मिली है, सार्वजनिक डोमेन में नहीं है. फिर भी यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि क़ानून में वो ख़ामियां न हों, जो पिछले मसौदे में थीं.
केंद्र सरकार ने डिजिटल निजी डेटा संरक्षण विधेयक, 2022 का मसौदा जारी किया है. यह मसौदा इस साल अगस्त में सरकार द्वारा वापस लिए गए डेटा संरक्षण विधेयक, 2019 के स्थान पर जारी किया गया है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश का कहना है कि उन्होंने निजी डेटा सुरक्षा विधेयक से संबंधित धारा 35 और 12 में संशोधन का सुझाव दिया था, जो विधेयक का सबसे महत्वपूर्ण प्रावधान है. उन्होंने कहा कि धारा 35 केंद्र सरकार को असीम शक्तियां देती है कि वह किसी भी सरकारी एजेंसी को इस प्रस्तावित क़ानून के दायरे से बाहर रख दे.
कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता वाली सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति को दरकिनार करते हुए सरकार ने व्यक्तिगत डाटा संरक्षण विधेयक संयुक्त प्रवर समिति के पास भेज दिया. इस समिति की अध्यक्षता सत्तापक्ष का सदस्य करेगा. थरूर ने कहा कि यह एक खतरनाक परंंपरा की शुरुआत है.