आरोग्य सेतु ऐप साल 2020 में अपनी लॉन्चिंग के साथ सवालों के घेरे में था. साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना था कि सरकार इस ऐप के ज़रिये नागरिकों की काफ़ी निजी जानकारी इकट्ठा करती है, जो अप्रत्यक्ष रूप से निगरानी के लिए इस्तेमाल की जा सकती है. केंद्र सरकार ने इन चिंताओं को ख़ारिज कर दिया था.
आधिकारिक दस्तावेज़ के अनुसार, केंद्रशासित प्रदेश के प्रत्येक परिवार को सरकारी सेवाओं के वितरण में सुधार के लिए 'जम्मू कश्मीर परिवार पहचान पत्र' नामक एक यूनिक अल्फान्यूमेरिक कोड प्रदान किया जाएगा. यह हरियाणा के 'परिवार पहचान अधिनियम 2021' की तर्ज पर लागू होगा.
ज़ूम ऐप पर प्रतिबंध के लिए सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल याचिका में दलील दी गई है कि इसका उपयोग करने वाले व्यक्तियों की निजता को ख़तरा है और यह साइबर सुरक्षा को भी प्रभावित करता है.