सुप्रीम कोर्ट एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें अदालत की अवमानना अधिनियम, 1971 के प्रावधान की वैधता और अवमानना के लिए उसके ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने की दी गई मंज़ूरी को चुनौती दी गई थी.
एक मामले में 462 दिन की देरी से दायर याचिका ख़ारिज कर अधिकारियों को फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसका मक़सद सिर्फ़ मामले से यह कहकर छुटकारा पाना है कि अब इसमें कुछ नहीं किया जा सकता, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने अपील ख़ारिज कर दी है.
वकील इंदिरा जयसिंह और लॉयर्स कलेक्टिव पर विदेशी चंदा लेने के आरोप पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा जवाब मांगने समेत दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरों का अपडेट.
चुनाव आयोग को भाजपा नेताओं के ख़िलाफ़ सबसे अधिक आचार संहिता उल्लंघन की शिकायतें मिलने समेत दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरों का अपडेट.
एक जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि जून 2013 में केदारनाथ में भारी बारिश और भूस्खलन के बाद लापता होने वाले लोगों को ढूंढने के लिए छह साल बाद भी उत्तराखंड सरकार ने कोई विशेष क़दम नहीं उठाया है.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि झुग्गियों में रहने वालों से बिना सूचना दिए घर ख़ाली कराना क़ानून के विपरीत है. अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि विस्थापित लोगों का तत्काल पुनर्वास हो.
सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में केंद्रीय विद्यालयों में होने वाली प्रार्थनाओं पर हिंदू धर्म से जुड़े होने का आरोप लगाते हुए कहा गया है कि बच्चों की आस्था और विश्वास का ख़्याल किए बिना इन्हें थोपा जा रहा है.
शीर्ष अदालत ने कहा, केंद्र सरकार ग़रीबों के लिए तीस हज़ार करोड़ रुपये की योजना का ‘मज़ाक़ बना रही’ है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने लगभग 17 हज़ार पेड़ों की कटाई पर चार जुलाई तक रोक लगाई. दक्षिण दिल्ली की छह कालोनियों- सरोजनी नगर, नौरोज़ी नगर, नेताजी नगर, त्यागराज नगर, मोहम्मदपुर और कस्तूरबा नगर के पुनर्विकास के लिए काटे जाने हैं पेड़.
कोर्ट ने कहा, छत्तीसगढ़ सरकार को कथित छद्म बोली, बोली की प्रक्रिया के दौरान ही मुख्यमंत्री के बेटे के विदेशी बैंक में खाता खोलने जैसे सवालों के जवाब देने होंगे.
31 सदस्यीय जीएसटी परिषद में एक भी महिला सदस्य न होने पर भी अदालत ने नाराज़गी जाहिर की.
शीर्ष अदालत ने कहा कि इस तरह की याचिका ने न्यायाधीशों की ईमानदारी पर अनावश्यक संदेह पैदा किया है.
एनजीटी ने तय की सीमा. मंदिर तक पहुंचने वाले नए मार्ग पर घोड़ों और खच्चरों को जाने की इजाज़त नहीं होगी बल्कि इन पशुओं को धीरे-धीरे पुराने मार्ग से भी हटाया जाएगा.
मामले में कैंपेन फॉर ज्यूडिशियल अकाउंटेबिलिटी एनजीओ की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण कोर्ट से यह कहते हुए निकल गए कि उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी जा रही है.
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा, वह जो भी हों, कितने भी शक्तिशाली हों, कानून से नहीं बच सकते हैं और न्याय होगा.