दिल्ली हाईकोर्ट ने 15 वर्षीय पत्नी से बलात्कार के मामले में एक व्यक्ति को बरी करने के ख़िलाफ़ सरकार की अपील पर विचार करने से इनकार कर दिया और कहा है कि पत्नी के साथ उसके शारीरिक संबंध को बलात्कार नहीं कहा जा सकता है.
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने नाबालिग के साथ बलात्कार संबंधी एक मामले की सुनवाई करते हुए एफ़आईआर रद्द करने निर्देश दिया. अदालत ने कहा कि आम तौर पर किशोर उम्र के लड़के-लड़कियां दोस्ती करते हैं और उसके बाद आकर्षण के चलते शारीरिक संबंध बनाते हैं. बाद में समाज में लड़के के साथ अपराधी जैसा व्यवहार किया जाता है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने शादी का झांसा देकर एक युवती से शारीरिक संबंध बनाने के आरोपी की याचिका ख़ारिज करते हुए कहा कि किसी लड़की के साथ महज़ दोस्ताना रिश्ता होने से किसी लड़के को उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने की सहमति मानने की अनुमति नहीं मिल जाती.
शीर्ष अदालत ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि बलात्कार और सहमति से बनाए गए यौन संबंध के बीच स्पष्ट अंतर होता है. अगर व्यक्ति अपने नियंत्रण के बाहर की किन्हीं परिस्थितियों के चलते महिला से शादी नहीं कर पाता, तो उसे बलात्कार नहीं मान सकते.