सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अभय एस. ओका ने एक कार्यक्रम में कहा कि भारत में प्रति 10 लाख लोगों पर 50 न्यायाधीशों की आवश्यकता है, लेकिन वर्तमान में यह आंकड़ा प्रति दस लाख लोगों पर केवल 21 का है, जिससे अदालतों में लंबित मामलों की संख्या बढ़ रही है.