प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान के दौरान कांग्रेस पर अंबानी और अडानी से टेंपो में बोरी भरकर पैसे लेने का आरोप लगाया था. सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा है कि इस दावे पर लोकपाल की टिप्पणी मोदी के राजनीतिक बड़बोलेपन को उजागर करती है.
चुनाव आयोग को लिखे इस पत्र में कॉन्स्टिट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप ने आयोग द्वारा चुनावी समय में केंद्र सरकार द्वारा विपक्ष के ख़िलाफ़ केंद्रीय एजेंसियों के इस्तेमाल पर कार्रवाई न करने को 'बेहद चिंताजनक' बताया है.
अफ़सोस की बात थी कि जिस वक़्त संसद में सरकार के लोग ठिठोली, छींटाकशी कर रहे थे जब मणिपुर में लाशें 3 महीने से दफ़न किए जाने का इंतज़ार रही हैं. इतनी बेरहमी और इतनी बेहिसी के साथ कोई समाज किस कदर और कितने दिन ज़िंदा रह सकता है?
लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की आलोचना करते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि अगर देश में कहीं हिंसा हो रही है तो प्रधानमंत्री को दो घंटे मज़ाक नहीं उड़ाना चाहिए. उन्होंने जोड़ा कि मणिपुर में जो हो रहा है, सेना उसे दो दिन में रोक सकती है, लेकिन प्रधानमंत्री मणिपुर की आग को बुझाना नहीं चाहते.
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो घंटे से कुछ अधिक समय का भाषण दिया, जिसमें 10 मिनट से भी कम समय उन्होंने मणिपुर पर बात की. इसे लेकर विपक्षी नेताओं ने उनकी आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने सदन का इस्तेमाल चुनावी रैली की तरह किया.