स्कूलों में फिर से शुरू की जाए मिड-डे मील की व्यवस्था: सोनिया गांधी

लोकसभा में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि यह सच है कि हमारे बच्चों के परिवारों की आजीविका को बहुत बुरे संकट का सामना करना पड़ा है. लेकिन अब जैसे-जैसे बच्चे स्कूलों में वापस आ रहे हैं, उन्हें और भी बेहतर पोषण की आवश्यकता है. यही नहीं, मिड-डे मील से उन बच्चों को वापस स्कूल लाने में भी मदद मिलेगी, जो महामारी के दौरान स्कूल छोड़ चुके हैं.

मिड-डे मील योजना के तहत कार्यरत रसोइयों का मासिक वेतन 2,000 रुपये से भी कम

आठ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में इन कर्मचारियों को साल 2009 से ही महज 1,000 रुपये प्रति माह वेतन मिल रहा है, जबकि कई संसदीय समितियों ने वर्षों से इसमें बढ़ोतरी की सिफ़ारिश की है.

मिड-डे मील योजना अब ‘पीएम पोषण योजना’ के नाम से जानी जाएगी

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि यह योजना पांच वर्षों 2021-22 से 2025-26 तक के लिए है, जिस पर 1.31 लाख करोड़ रुपये ख़र्च आएगा. इसमें प्री-स्कूल से लेकर प्राथमिक विद्यालय के स्तर के विद्यार्थियों को कवर किया जाएगा.