मध्य प्रदेश के अलीराजपुर ज़िले का मामला है. इस मामले में बलात्कार के आरोपी सहित छह लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. नाबालिग की शिकायत पर दो मामले दर्ज किए गए हैं. पहला मामला बलात्कार के आरोपी के ख़िलाफ़, जबकि दूसरा मामला पीड़िता के परिजनों एवं रिश्तेदारों के विरुद्ध दर्ज किया गया है.
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन द्वारा के अध्ययन के अनुसार हर साल बाल यौन उत्पीड़न के क़रीब तीन हज़ार मामले सुनवाई के लिए अदालत नहीं पहुंच पाते क्योंकि पुलिस पर्याप्त सबूत न होने के कारण आरोपपत्र दायर करने से पहले ही जांच बंद कर देती है. इसमें 99 फीसदी मामले बच्चियों के यौन शोषण के ही होते हैं.
स्थानीय समाचार वेबसाइट ‘प्रतिबिंब लाइव’ ने असम सरकार के मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा की बेटी को गले लगाती एक तस्वीर साझा की थी, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. पुलिस ने वेबसाइट के मुख्य संपादक और न्यूज़ एडिटर को गिरफ़्तार करते हुए कहा कि यह फोटो ‘गलत मंशा’ से शेयर की गई थी.
बाॅम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ की जस्टिस पुष्पा गनेडीवाला ने नाबालिग लड़कियों के साथ बलात्कार के दो आरोपियों को यह कहते हुए बरी कर दिया था कि पीड़िता की गवाही आरोपी को अपराधी ठहराने का भरोसा कायम नहीं करती है. इसी पीठ ने लड़की के वक्षस्थल को छूने के एक आरोपी को यह कहते हुए बरी कर दिया था कि ‘त्वचा से त्वचा’ का संपर्क नहीं हुआ था.
बीते 19 जनवरी को एक अन्य मामले में बाॅम्बे हाईकोर्ट की इसी पीठ ने अपने एक बेहद विवादित फैसले में कहा था कि त्वचा से त्वचा का संपर्क हुए बिना नाबालिग पीड़िता का स्तन स्पर्श करना, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने संबंधी अधिनियम (पॉक्सो) के तहत यौन हमला नहीं कहा जा सकता. इस फैसले पर सुप्रीम कोर्ट रोक लगा चुका है.
बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ के एक बच्ची के यौन उत्पीड़न के लिए पॉक्सो और आईपीसी के तहत दोषी ठहराए गए व्यक्ति को पॉक्सो से बरी करने के फ़ैसले को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने ख़तरनाक बताया है, वहीं राष्ट्रीय महिला आयोग ने कहा है कि वे इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगा.
केरल के मलप्पुरम का मामला. लड़की पिछले महीने अपने भाई के घर से लापता हो गई थी, जिसके कुछ दिनों बाद पुलिस ने लड़की को पलक्कड़ से हिरासत में लिया और बाल कल्याण समिति के समक्ष काउंसलिंग के दौरान यौन शोषण की घटना उजागर हुई.
ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर द्वारा ऑनलाइन बहस के दौरान एक नाबालिग बच्ची की ब्लर की हुई तस्वीर पोस्ट करने पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की शिकायत पर उनके ख़िलाफ़ आईटी एक्ट और पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर ने ट्विटर पर एक शख़्स के साथ हुई बहस में शख़्स की नाबालिग बेटी की ब्लर की हुई तस्वीर पोस्ट की थी. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की शिकायत पर इनके ख़िलाफ़ आईटी एक्ट और पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
यह मामला पिछले साल 19 दिसंबर का है. इसके दो महीने बाद बच्ची अपने साथ घटे हादसे की जानकारी दे पाई थी. आरोप है कि आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली बच्ची को स्कूल से घर लौटते समय आरोपी ने जबरन एसिड पिला दिया था.
साल 2013 में दिल्ली के गांधी नगर इलाके में दो लोगों ने पांच साल की बच्ची से बलात्कार किया था. अदालत ने कहा कि इस घटना ने समाज की सामूहिक चेतना को झकझोर डाला. पांच साल की बच्ची को काफी अनैतिकता और अति क्रूरता का सामना करना पड़ा.
हरियाणा के गुरुग्राम में स्वयंभू बाबा ज्योतिगिरी महाराज पर कई महिलाओं और नाबालिग बच्चियों के यौन उत्पीड़न का आरोप है. इस संबंध में सोशल मीडिया पर उनके वीडियो वायरल होने के बाद से वह फरार हैं.
संसद ने बीते बृहस्पतिवार को पॉक्सो संशोधन विधेयक को मंजूरी दी, जिसमें चाइल्ड पोर्नोग्राफी को परिभाषित करने के अलावा बच्चों के खिलाफ जघन्य अपराध के मामलों में मृत्युदंड तक का भी प्रावधान किया गया है.
ग्राउंड रिपोर्ट: अलीगढ़ के टप्पल में ढाई साल की बच्ची की नृशंस हत्या के बाद क़स्बे में तनाव का माहौल है. जहां आरोपियों के मुसलमान होने के चलते घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है, वहीं स्थानीयों का कहना है कि हिंदू-मुसलमान साथ मिलकर बच्ची के लिए इंसाफ़ की लड़ाई लड़ेंगे.
चेन्नई के एक अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स की घटना. मामले की सुनवाई के लिए ले जाते समय आरोपियों को वकीलों ने पीटा. कॉम्प्लेक्स के सिक्योरिटी गार्ड के अलावा लिफ्ट आॅपरेटर और पानी सप्लाई करने वाले 22 लोग हैं आरोपी.