'कल्याण' के 1948 के अंक में महात्मा गांधी के गुज़रने पर कोई श्रद्धांजलि प्रकाशित न करने पर दैनिक जागरण के पत्रकार अनंत विजय के तर्क पर लेखक अक्षय मुकुल का जवाब.
वीडियो: बीते दिनों गोरखपुर की गीता प्रेस को केंद्र सरकार द्वारा गांधी शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई थी. कांग्रेस ने इसे 'सावरकर को पुरस्कृत करने जैसा बताया था. इस बारे में गीता प्रेस का वृहद इतिहास लिखने वाले लेखक अक्षय मुकुल से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
आधुनिक भारत में हिंदू धर्म के संबंध में गांधी जो करने की कोशिश कर रहे थे, गीता प्रेस उसके ठीक उलट लड़ाई लड़ रही थी और लड़ रही है.