विशेष रिपोर्ट: 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू के लिए चुनावी रणनीति तैयार करने वाले प्रशांत किशोर ने हाल ही में पार्टी की सदस्यता ली और अब नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया है.
वरिष्ठ नेता एनडी तिवारी उत्तर प्रदेश के तीन बार और उत्तराखंड के एक बार मुख्यमंत्री रह चुके थे. 18 अक्टूबर 1925 को हुआ था जन्म और 18 अक्टूबर को ही हुआ निधन.
विजयदशमी के अवसर पर नागपुर में अपने वार्षिक संबोधन में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि राष्ट्रहित के इस मामले में स्वार्थ के लिए सांप्रदायिक राजनीति करने वाली कुछ कट्टरपंथी ताकतें रोड़े अटका रही हैं. राजनीति के कारण मंदिर निर्माण में देरी हो रही है.
महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रंजीत देशमुख के बेटे और भाजपा विधायक रहे आशीष देशमुख ने भी कांग्रेस का दामन थामा.
जदयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने बताया कि किशोर की नियुक्ति से पार्टी को अपना जनाधार व्यापक बनाने में मदद मिलेगी.
जन गण मन की बात की 317वीं कड़ी में विनोद दुआ वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के हालिया कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण, देश मे नौकरियों की स्थिति और पंजाब-हरियाणा में पराली जलने से दिल्ली में घटी वायु गुणवत्ता पर चर्चा कर रहे हैं.
समाजवादियों ने उनके समाजवाद का कॉरपोरेटीकरण कर उसे भाई-भतीजावादी पूंजीवाद का सगा बनाकर, उसे अस्मिता, जाति, वंश व परिवार के कॉकटेल में बदल आमजन के लिए वैसे ही निरर्थक कर डाला है, जैसे संकीर्णतावादियों ने गांधी के रामराज्य को.
जन गण मन की बात की 315वीं कड़ी में विनोद दुआ नितिन गडकरी के चुनावों में किए गए वादों पर बयान और गंगा एक्ट लाने के पक्ष में जीडी अग्रवाल के 110 दिनों से भूख हड़ताल पर चर्चा कर रहे हैं.
राकांपा नेता जितेंद्र आव्हाड ने बताया कि वरिष्ठ नेता शरद पवार ने कहा है कि उनका नाम लोकसभा चुनाव के लिए प्रस्तावित न किया जाए क्योंकि वो इस दौड़ में शामिल नहीं.
इस साल जनवरी में जम्मू में हुए कठुआ बलात्कार और हत्या मामले के एक आरोपी ने केस में हुई जांच को दुर्भावना से प्रेरित बताते हुए दोबारा जांच की मांग की थी, जिसे शीर्ष अदालत ने ख़ारिज कर दिया.
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि दिग्विजय सिंह जैसे नेता नहीं होने दे रहे कांग्रेस-बसपा का गठबंधन. कांग्रेस पार्टी की रस्सी जल गई, मगर बल नहीं गया.
देश के मनोनीत प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि हमें क्या पहनना चाहिए, क्या खाना चाहिए, क्या कहना चाहिए, क्या पढ़ना और सोचना चाहिए, ये सब अब हमारी निजी ज़िंदगी के छोटे और महत्वहीन सवाल नहीं रह गए है.
रांची में एक कार्यक्रम के दौरान लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सवाल उठाया कि क्या शिक्षा और नौकरियों में हमेशा के लिए आरक्षण दे देने से देश में समृद्धि आ जाएगी.
कांग्रेस विधायक और कार्यक्रम का बहिष्कार करने वाले निदेशकों में से एक राजेंद्रसिंह परमार ने कहा कि यह अमूल का कार्यक्रम था लेकिन भाजपा ने उसे राजनीतिक कार्यक्रम बना डाला.
अब तक हमारे लोकतंत्र का इतिहास यही रहा है कि जिसने भी सत्ता के मद में ख़ुद को मतदाताओं से बड़ा समझने की हिमाक़त की, मतदाता उसे सत्ता से बेदख़ल करके ही माने. साफ़ है कि वोट की ऐसी राजनीति से मतदाताओं को नहीं, उन्हें ही डर लगता है जो डराने की राजनीति करते हैं.