प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले चार साल में विकास जन आंदोलन बन गया है. अमित शाह ने कहा कि मोदी ने वंशवाद की राजनीति को ख़त्म किया.
वेदांता की छवि हमेशा से ही पर्यावरण और मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वाली कंपनी की रही है. दिलचस्प ये है कि कंपनी नरेंद्र मोदी सरकार के 'विकास एजेंडा' के झंडाबरदारों में से एक है.
जन गण मन की बात की 249वीं कड़ी में विनोद दुआ पेड न्यूज़ को लेकर कोबरापोस्ट के स्टिंग आॅपरेशन और प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी पर चर्चा कर रहे हैं.
जब मुंबई में दंगे भड़के, तब सुनील दत्त ने अपनी ही सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोलते हुए संसद से इस्तीफ़ा दे दिया. उनका मानना था कि कांग्रेस ने हालात को सही से नहीं संभाला है और एक सांसद की हैसियत से वे कुछ नहीं कर पा रहे हैं.
जन गण मन की बात की 248वीं कड़ी में विनोद दुआ लोकतंत्र में राज्यपालों की भूमिका और भाजपा के ख़िलाफ़ एकजुट हो रहे विपक्ष पर चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 247वीं कड़ी में विनोद दुआ तूतीकोरिन में वेंदाता समूह के ख़िलाफ़ प्रदर्शन में लोगों की मौत और लोकसभा में भाजपा के संख्या बल में आई कमी पर चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 246वीं कड़ी में विनोद दुआ आसमान छूते पेट्रोल-डीज़ल के दाम और कर्नाटक विधानसभा में भाजपा विधायकों द्वारा कथित तौर पर राष्ट्रगान के अपमान पर चर्चा कर रहे हैं.
दिल्ली के आर्कबिशप अनिल काउटो ने पादरियों को भेजे एक पत्र में यह कहा. साथ में एक प्रार्थना भेजकर उसे हर रविवार को पढ़ने कहा. प्रार्थना में 2019 में नई सरकार बनने की बात है. भाजपा नेता इसके विरोध में उतर आए हैं.
जन गण मन की बात की 245वीं कड़ी में विनोद दुआ कर्नाटक में नई सरकार के शक्ति परीक्षण और असम में नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 के ख़िलाफ़ हो रहे प्रदर्शन के बारे में चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 244वीं कड़ी में विनोद दुआ कर्नाटक में बनी नई सरकार और एनपीए को लेकर संसदीय समिति के सामने पेश हुए रिज़र्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल के बारे में चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 243वीं कड़ी में विनोद दुआ कर्नाटक में सरकार बनाने की जोड़तोड़ और वाराणसी फ्लाईओवर हादसे पर चर्चा कर रहे हैं.
जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने इस मामले को अच्छी तरह संभाला है. कोई भी गलत कदम ऐसे हालातों को जन्म दे सकता था जहां पूरा राज्य सांप्रदायिकता की आग में जल गया होता.
समझ में नहीं आता कि जब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को संविधान पीठ को सौंपा हुआ है तो उसका फैसला आए बिना सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के लिए आधार की ऐसी अनिवार्यता थोपने का क्या तुक है.
भाजपा सांसद ने कहा कि दलितों के घर रात बिताने और भोजन करने से दलित परिवार सशक्त नहीं होते हैं. इस दिखावे से बेहतर है कि नेता ज़रूरतमंद दलितों के लिए रोटी, कपड़ा और मकान का इंतज़ाम करें.
हम भी भारत की 32वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश के सभी गांवों में बिजली पहुंचाने के दावे पर पूर्व आर्थिक सलाहकार नितिन देसाई और वरिष्ठ पत्रकार नितिन सेठी से चर्चा कर रही हैं.