गोरखपुर से ग्राउंड रिपोर्ट: गोरक्षपीठ को निषादों का बताने वाले संजय उन चंद लोगों में हैं, जो गोरखपुर में रहते हुए हिंदू युवा वाहिनी को दंगा करने वाला, मुसलमानों, दलितों, अति पिछड़ों और निषादों पर अत्याचार करने वाला ‘संगठित गिरोह’ बताते रहे हैं.
आप अपने राजनीतिक पत्रकारों और संपादकों से यह भी नहीं जान पाएंगे कि दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय पर चलने वाली पार्टी ने कई सौ करोड़ का मुख्यालय बनाया है, वो भीतर से कितना भव्य है.
जहां भाजपा सफल हो जाती है, वहां ये कथित ‘चाणक्य नीति’ का ढोल पीटते हैं, जहां विफल हो जाते हैं तो कहते हैं कि अति-आत्मविश्वास हमें ले डूबा.
गोरखपुर में मिली हार योगी आदित्यनाथ के लिए बड़ा झटका है. भाजपा कार्यकर्ता उन्हें 2024 में प्रधानमंत्री के रूप में देख रहे थे, लेकिन अपनी सीट छोड़ो, वो अपना बूथ तक नहीं बचा पाए.
गोरखपुर से ग्राउंड रिपोर्ट: मार्च 2017 के बाद यूपी की राजनीति में नए बदलाव की जो धीमी आवाज़ें उठ रही थीं, उसे सुना नहीं गया. ये आवाज़ें इस चुनाव में बहुत मुखर थीं लेकिन उसे नज़रअंदाज़ कर दिया गया. अब जब उसने अपना असर दिखा दिया, तो सभी हैरान हैं.
गोरखपुर-फूलपुर उपचुनाव: सपा और बसपा के इस गठजोड़ में अगर कांग्रेस भी शामिल हो गई तो भाजपा को देश के सबसे बड़े राज्य में निराशा ही हाथ लगेगी.
जनता के अधिकारों के लिए सत्ता से लोहा लेने वाले हबीब जालिब ने गांव-देहात को अपने पांव से बांध लिया था और उसी पांव के ज़ख़्म पर खड़े होकर सत्ता को आईना दिखाते रहे.
विधानसभा में बजट चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि केंद्र की तरह उत्तर प्रदेश सरकार की नीतियां भी ग़रीब और किसान हितैषी नहीं बल्कि उद्योगपतियों के हितों की रक्षक हैं.
द्राबू की बर्ख़ास्तगी के बाद एक भाजपा नेता ने कहा कि इससे पीडीपी-भाजपा गठबंधन के बीच दरार चौड़ी होगी.
भ्रष्टाचार भारत की राजनीति की आत्मा है. इसके शरीर पर राष्ट्रवाद और धर्मनिरपेक्षता ओढ़कर सब नौटंकी करते हैं.
अयोध्या के संबंध में श्रीश्री का यह दावा करना कि अगर अदालत हिंदुत्ववादियों की मांग को ख़ारिज करता है तो हिंदू हिंसा पर उतर आएंगे, इसके ज़रिये वह न केवल क़ानून के राज को चुनौती दे रहे थे बल्कि संवैधानिक सिद्धांतों पर भी सवाल खड़ा कर रहे थे.
गुजरात में विधानसभा चुनाव के वक़्त नर्मदा के पानी को लेकर जनता को सपने दिखाए गए लेकिन अब गर्मी आने से पहले सरकार ने कह दिया है कि सिंचाई के लिए जलाशय का पानी नहीं मिलेगा.
पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री ने मुंबई में एक समारोह में कहा कि लोकतंत्र की यह स्थिति न सिर्फ सरकारों और राजनीतिक नेताओं के लिए चिंता का विषय है, बल्कि कारोबारियों, मीडिया और आम नागरिकों के लिए भी चिंता का विषय है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि सांप्रदायिक राजनीति के आगे झुकने का कोई प्रश्न नहीं. देश के सभी राज्य इसके ख़िलाफ़ जंग में एकजुट होंगे.
संसद में आयोजित एक सम्मेलन में मोदी ने सांसदों और विधायकों से कहा कि आपने कितने मोर्चे निकालें और कितनी बार जेल गए, यह 20 साल पहले राजनीतिक करिअर में मायने रखता होगा, लेकिन अब बात बदल गई है.