मई-जून में उत्तर भारत में पसरती भीषण गर्मी से चुनाव आयोग अनजान नहीं था, लेकिन उसने चुनाव को खींचकर इतना लंबा किया कि हज़ारों कार्मिकों की जान पर बन आई और उनके लिए यह चुनाव यातना शिविर में तब्दील हो गया.
मई-जून में उत्तर भारत में पसरती भीषण गर्मी से चुनाव आयोग अनजान नहीं था, लेकिन उसने चुनाव को खींचकर इतना लंबा किया कि हज़ारों कार्मिकों की जान पर बन आई और उनके लिए यह चुनाव यातना शिविर में तब्दील हो गया.