बीते दिनों देशभर में पीएफआई दफ्तरों पर पड़े छापों और सैकड़ों कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारी के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यूएपीए के तहत इस पर प्रतिबंध लगाते हुए दावा किया है कि वे 'देश में असुरक्षा होने की भावना फैलाकर एक समुदाय में कट्टरता को बढ़ाने के मक़सद' से गुप्त रूप से काम कर रहे हैं.
केंद्र सरकार द्वारा गैरक़ानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद सामने आई प्रतिक्रियाओं में कई दलों के नेताओं ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समेत कई हिंदुत्ववादी संगठनों पर भी बैन लगाने की मांग की है.
दिल्ली पुलिस के एक आदेश के अनुसार, 17 नवंबर तक न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, जामिया नगर और ओखला क्षेत्र में सीआरपीसी की धारा 144 लागू रहेगी. इस आदेश को ध्यान में रखते हुए जामिया मिलिया इस्लामिया ने अपने छात्रों और शिक्षकों को विश्वविद्यालय परिसर व उसके आसपास समूह में एकत्रित न होने का निर्देश दिया है.
फैक्ट चेक: कई चैनलों, पत्रकारों और भाजपा नेताओं का दावा है कि एनआईए, ईडी और पुलिस की संयुक्त छापेमारी में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के सौ से अधिक नेताओं की गिरफ़्तारी के विरोध में पुणे में हुए एक प्रदर्शन में 'पाकिस्तान ज़िंदाबाद' के नारे लगाए गए थे. हालांकि पड़ताल में पाया गया कि यह दावा ग़लत है.
पिछले हफ्ते केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन के वकील ने बताया कि कप्पन की ज़मानत की शर्त के अनुसार उन्हें यूपी के रहने वाले दो ज़मानतदारों की ज़रूरत थी, लेकिन ‘मामले की संवेदनशील प्रकृति’ के चलते लोग मदद के लिए आगे आने से हिचकिचा रहे थे.
केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन के वकील ने बताया कि कप्पन की ज़मानत की शर्त के अनुसार उन्हें यूपी के रहने वाले दो ज़मानतदारों की ज़रूरत है, लेकिन 'मामले की संवेदनशील प्रकृति' के चलते लोग मदद के लिए आगे आने से हिचकिचा रहे हैं.
5 अक्टूबर 2020 को केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन और तीन अन्य को हाथरस सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले की रिपोर्टिंग के लिए जाते समय गिरफ़्तार किया गया था. यूपी पुलिस का आरोप है कि ये लोग क़ानून-व्यवस्था ख़राब करने के लिए हाथरस जा रहे थे.
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने आरोप लगाया है कि भाजपा अपने युवा मोर्चा के नेता प्रवीण नेत्तारू की हत्या के मामले में एनआईए का दुरुपयोग कर रही है, ताकि पीएफआई के नेताओं और सदस्यों के ख़िलाफ़ कार्रवाई के बहाने मुसलमानों को निशाना बनाया जा सके. नेत्तारू की 26 जुलाई को हत्या कर दी गई थी.
अक्टूबर 2020 में केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन हाथरस सामूहिक बलात्कार कांड पर रिपोर्ट करने के लिए दिल्ली के कैब ड्राइवर मोहम्मद आलम के साथ हाथरस जा रहे थे, जब कप्पन के साथ आलम को भी रास्ते में गिरफ़्तार कर लिया गया था.
बढ़ती धार्मिक असहिष्णुता पर आयोजित एक अंतर धार्मिक सम्मेलन में ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की मौजूदगी में कहा कि ऐसा कोई भी मोर्चा, जो देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त है, विभाजनकारी एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं और हमारे नागरिकों के बीच कलह पैदा कर रहे हैं, उन्हें प्रतिबंधित किया जाना चाहिए.
बिहार पुलिस द्वारा कथित तौर पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से संबद्ध संदिग्ध आतंकियों को गिरफ़्तार करने की जानकारी देते हुए पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि 'जैसे आरएसएस अपनी शाखा आयोजित कर लाठी का प्रशिक्षण देता है, उसी प्रकार से ये लोग युवाओं को बुलाकर शारीरिक प्रशिक्षण देते थे और ‘ब्रेनवॉश’ कर उनके माध्यम से अपना एजेंडा लोगों तक पहुंचाने का काम करते थे.'
उत्तर प्रदेश की कानपुर पुलिस ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ और आपत्तिजनक पोस्ट डालने के आरोप में काकादेव इलाके से गिरफ़्तार व्यक्ति की पहचान गौरव राजपूत के रूप में हुई है. वहीं, राज्य के बलिया ज़िले में पैगंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक पोस्ट करने के आरोप में पुलिस ने एक अन्य युवक को भी गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया है.
कानपुर पुलिस ने बुधवार को कानपुर हिंसा के सिलसिले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े तीन लोगों को गिरफ़्तार किया. इन तीनों को 2019 में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान भी गिरफ़्तार किया गया था. इस बीच जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना हक़ीमुद्दीन क़ासमी ने कानपुर का दौरा किया और वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की. कानपुर हिंसा के संबंध में एकतरफ़ा कार्रवाई पर उन्होंने गंभीर चिंता व्यक्त की.
भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता रहीं नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में बीते तीन जून को जुमे की नमाज़ के बाद दुकाने बंद कराने को लेकर हुए विवाद पर दो समुदायों के लोग एक दूसरे से भिड़ गए थे और हिंसा भड़क गई थी. इस मामले में गिरफ़्तार लोगों की संख्या बढ़कर 29 हो गई है.
केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम ज़िले के नेयतिनकारा के पास बीते 22 मई को विश्व हिंदू परिषद की महिला शाखा दुर्गा वाहिनी की स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कथित रूप से नारेबाज़ी करते हुए तलवारें लहराई थीं. पुलिस ने कहा कि मार्च में ज़्यादातर युवा महिलाएं शामिल थीं. उनके खिलाफ शस्त्र अधिनियम के प्रावधानों और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.