वीडियो: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर कथित आपत्तिजनक पोस्ट लिखने के कारण गिरफ़्तार हुए पत्रकार प्रशांत कनौजिया से सृष्टि श्रीवास्तव की बातचीत.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ख़िलाफ़ कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए हुई गिरफ़्तारियां विभिन्न राज्यों की सरकारों द्वारा आम लोगों की आवाज़ दबाने के लिए क़ानून के दुरुपयोग के पैटर्न का ही हिस्सा है.
सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए एक वीडियो में दो युवक कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और उनके परिवार को कथित तौर पर गाली देते हुए नज़र आए थे.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर तीन पत्रकारों को गिरफ़्तार करने पर राहुल गांधी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ मूर्खतापूर्ण व्यवहार कर रहे हैं. पत्रकारों को तत्काल रिहा किया जाए.
स्वतंत्र पत्रकार प्रशांत कनौजिया को रिहा करने का आदेश देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'नागरिक की स्वतंत्रता पवित्र है और इससे समझौता नहीं किया जा सकता है. इसे संविधान द्वारा सुनिश्चित किया गया है और इसका उल्लंघन नहीं किया जा सकता है.'
हालिया गिरफ़्तारी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से हुई है. यहां पर पीर मोहम्मद और राम प्रसाद नाम नाम के दो लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस अजय रस्तोगी की पीठ स्वतंत्र पत्रकार प्रशांत कनौजिया की पत्नी जगीशा अरोड़ा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करेगी.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने शनिवार को तीन पत्रकारों प्रशांत कनौजिया, इशिका सिंह और अनुज शुक्ला को गिरफ़्तार किया है.
उत्तर प्रदेश के नोएडा स्थित 'नेशन लाइव' न्यूज चैनल ने एक परिचर्चा आयोजित की थी, जिसमें एक महिला द्वारा मुख्यमंत्री आदित्यनाथ पर लगाए गए कथित अपमानजनक आरोपों पर चर्चा की गई थी. एक राजनीतिक दल की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने चैनल की हेड इशिका सिंह और उसके संपादक अनुज शुक्ला को गिरफ़्तार कर लिया.
द वायर में काम कर चुके पत्रकार प्रशांत कनौजिया को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ख़िलाफ़ कथित आपत्तिजनक पोस्ट लिखने के चलते यूपी पुलिस द्वारा शनिवार सुबह दिल्ली में उनके घर से गिरफ़्तार किया गया है. हालांकि, यूपी पुलिस गिरफ़्तारी से इनकार कर रही है.