सुप्रीम कोर्ट के प्रत्येक जज पर 2,575 केस, उच्च अदालत के हर जज पर 8,008 केस और निचली अदालतों के प्रति जज पर 2,218 केस की सुनवाई की ज़िम्मेदारी है. इस तरह देश प्रत्येक जज की डेस्क पर 2,427 प्रकरण लंबित पड़े हैं.
देश में सभी उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की कुल स्वीकृत संख्या 1,114 है, जिसमें 29.4% पद खाली पड़े हैं. केवल पांच उच्च न्यायालयों- इलाहाबाद, पंजाब और हरियाणा, गुजरात, बॉम्बे और कलकत्ता में 1 अप्रैल तक 171 रिक्तियां थीं, जो कुल रिक्तियों का 52% से अधिक है.