गैर सरकारी संस्था असम पब्लिक वर्क्स (एपीडब्ल्यू) ने प्रतीक हजेला पर एनआरसी अपडेट करने की प्रक्रिया में बड़े स्तर पर सरकारी धनराशि के गबन करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई है.
पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और असम सरकार को निर्देश दिया था कि असम के पूर्व एनआरसी समन्वयक प्रतीक हजेला को सात दिनों में उनके मूल राज्य मध्य प्रदेश स्थानांतरित कर दिया जाए.
इस बीच उन्होंने एनआरसी का विरोध करने वालों पर भी निशाना साधा और कहा कि ऐसे लोगों को जमीनी हकीकत की जानकारी नहीं है.
उच्चतम न्यायालय ने केंद्र और असम सरकार को 18 अक्टूबर को निर्देश दिया था कि असम एनआरसी समन्वयक प्रतीक हजेला को सात दिनों में उनके मूल राज्य मध्य प्रदेश स्थानांतरित कर दिया जाए.
असम पब्लिक वर्क (एपीडब्ल्यू) नामक संगठन के अध्यक्ष अभिजीत शर्मा ने कहा कि सरकार पर यह पता लगाने की बड़ी ज़िम्मेदारी है कि एक अधिकारी जिसने 1,600 करोड़ रुपये का सरकारी धन ख़र्च किया हो, वह ख़र्च की विस्तृत रिपोर्ट जमा किए बिना कैसे असम छोड़ सकता है.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस आरएफ नरीमन की पीठ द्वारा जारी आदेश में तत्काल प्रभाव से प्रतीक हजेला का तबादला मध्य प्रदेश करने को कहा गया है, लेकिन इसकी वजह नहीं बताई गई है.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बैचलेट ने भारत सरकार से अपील की कि सूची में शामिल नहीं किए गए लोगों की अपील के लिए वाजिब प्रक्रिया सुनिश्चित की जाए. लोगों को निर्वासित नहीं किया जाए या हिरासत में नहीं लिया जाए.
पीपुल्स ट्रिब्यूनल की जूरी ने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर चलाए गए अभियान के बावजूद न्यायपालिका की समय सीमा तय करने की जिद ने प्रक्रिया और इसमें शामिल लोगों पर दबाव बढ़ा दिया.
वीडियो: असम में जारी हुई एनआरसी के विरोध में नई दिल्ली के जंतर मंतर पर ऑल बंगाली यूथ एंड स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन के बैनर तले विभिन्न बंगाली हिंदू संगठनों का प्रदर्शन.
बीते शनिवार को जारी हुई एनआरसी की सूची में 19 लाख लोगों का नाम शामिल नहीं है. जहां सभी राजनीतिक दलों द्वारा एनआरसी प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए वास्तविक नागरिकों की मदद करने की बात कही जा रही है, वहीं भविष्य को लेकर सूची से बाहर रहे आम लोग अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं. असम से लौटी द वायर की डिप्टी एडिटर संगीता बरुआ पिशारोती से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.
महिला के परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि सोनितपुर के दुलाबाड़ी इलाके की रहने वाली सायरा बेगम ने एनआरसी में अपना नाम ना होने की खबर सुनने के बाद कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली.
सुप्रीम कोर्ट में एनआरसी अपडेट को लेकर मूल याचिका दायर करने वाले असम पब्लिक वर्क्स के अध्यक्ष अभिजीत शर्मा ने कहा कि इस एनआरसी से तय हो गया है कि असम में अवैध प्रवासियों का मुद्दे कभी हल नहीं होगा. इतने खर्च के बावजूद प्रशासन त्रुटिहीन एनआरसी नहीं निकाल सका, असम के लोग आज ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने भाजपा नेताओं के एनआरसी सवाल उठाने पर कहा कि अगर भाजपा दुखी है, तो यह किसकी ज़िम्मेदारी है? यह सूची राज्य की भाजपा सरकार द्वारा ही तैयार करवाई गई है.
असम के वित्त मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने शनिवार को जारी हुई एनआरसी पर सवाल उठाते हुए कहा कि 1971 से पहले आए कई लोगों के नाम इसमें नहीं जुड़े हैं. सुप्रीम कोर्ट को सीमावर्ती जिलों में कम से कम 20 प्रतिशत और शेष असम में 10 प्रतिशत रीवेरिफिकेशन की अनुमति देनी चाहिए.
ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन का कहना है कि एनआरसी अपूर्ण है. अपडेट प्रक्रिया में कुछ खामियां हैं, जिन्हें दूर करने के लिए शीर्ष न्यायालय से अपील करेंगे. एनआरसी अपडेट को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचने वाले असम पब्लिक वर्क्स एनआरसी से निकाले गए नामों को लेकर नाखुशी जाहिर की है.