शीर्ष अदालत ने ब्लूमबर्ग-ज़ी मामले की सुनवाई में कहा कि किसी लेख के प्रकाशन के ख़िलाफ़ ट्रायल से पहले निषेधाज्ञा देने से लेखक की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और जनता के जानने के अधिकार पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है.
शीर्ष अदालत ने ब्लूमबर्ग-ज़ी मामले की सुनवाई में कहा कि किसी लेख के प्रकाशन के ख़िलाफ़ ट्रायल से पहले निषेधाज्ञा देने से लेखक की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और जनता के जानने के अधिकार पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है.