अप्रैल 2007 में इंडिया टुडे में ब्रिटेन में पदस्थ तीन भारतीय राजनयिकों पर लगे आरोपों को लेकर एक लेख प्रकाशित हुआ था. इसे लेकर अरुण पुरी के ख़िलाफ़ दर्ज मानहानि की शिकायत ख़ारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लेख लिखने वाले पत्रकार के कृत्य के लिए प्रधान संपादक को ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.
प्रेस एवं पत्रिका पंजीकरण विधेयक, 2019 के मसौदे में डिजिटल मीडिया को आरएनआई के तहत लाने की तैयारी की जा रही है. वर्तमान में डिजिटल मीडिया देश की किसी भी संस्था के अंतर्गत पंजीकृत नहीं है.