बीते महीने पत्रकारों के 15 संगठनों के प्रतिनिधियों ने एक बैठक में हिस्सा लेने के बाद संयुक्त तौर पर कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रस्तावित प्रेस क़ानून मीडिया की स्वतंत्रता में बाधा न डालें, तथा नागरिकों की निजता के अधिकार को बरकरार रखा जाए.