उत्तर प्रदेश के उन्नाव ज़िले का मामला. प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के जिला महासचिव ने कहा कि पिछले साल से चौबीसों घंटे काम करने के बावजूद हमें नियमित रूप से परेशान किया जा रहा है और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा जेल भेजने की धमकी भी दी जा रही है. वे हम पर ज़िम्मेदारी से काम नहीं करने का झूठा आरोप लगाकर डांटते हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों के 5,183 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 78.9 फ़ीसदी सर्जन, 69.7 फ़ीसदी प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ, 78.2 फ़ीसदी फिजीशियन और 78.2 फ़ीसदी बच्चों के डॉक्टरों की कमी है.
लोकसभा में स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार देश भर में प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति संतोषजनक नहीं है. कई राज्यों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चिकित्सकों की कमी से जूझते हुए बिजली, पानी, शौचालय आदि जैसी बुनियादी सुविधाओं के बगैर काम कर रहे हैं.