भ्रष्टाचार संबंधी मामलों पर नज़र रखने वाले ‘पीपुल राइट टू इनफॉरमेशन एंड डेवलपमेंट इम्पलीमेंटिंग सोसाइटी ऑफ मिज़ोरम’ और वरिष्ठ नागरिक संघ ‘मिज़ोरम उपा पाउल’ ने 2009 में मुख्यमंत्री जोरमथांगा पर लोकसेवक के तौर पर अपने अधिकारों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था.