राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की एक सर्वेक्षण रिपोर्ट से इसका पता चला है. सर्वेक्षण 1.13 लाख परिवारों पर किया गया. यह आंकड़ा जुलाई-जून 2017-18 की अवधि के सर्वेक्षण पर आधारित है.
हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि शिक्षा और चिकित्सा पैसा ऐंठने वाले धंधे बन गए हैं. नर्सों के अधिकारों की रक्षा को लेकर दिशा-निर्देश दिए जाने के बावजूद निजी चिकित्सा संस्थानों में नर्सों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है.
याचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व में केंद्र सरकार को दिए उस निर्देश की पालना की जाए जिसमें कहा गया था कि नर्सिंग होम और निजी अस्पतालों में नर्सों के वेतन और कार्य परिस्थितियों को सुधारने के लिए एक समिति का गठन हो.
जन गण मन की बात की 201वीं कड़ी में विनोद दुआ दवा की अनाप-शनाप कीमतों से मुनाफ़ा कमाते निजी अस्पतालों पर चर्चा कर रहे हैं.
अदालत ने कहा कि अस्पताल बकाया बिल वसूलने के लिए क़ानूनी तरीके अपना सकते हैं. साथ ही सरकार को ऐसे रोगियों को संरक्षण देने की प्रणाली बनानी चाहिए.