इतिहासकार प्रोफेसर मृदुला मुखर्जी ने कहा कि वह राष्ट्रवाद सर्वसमावेशी और बहुआयामी था, जिसमें हर क्षेत्र, धर्म, संप्रदाय, हर भाषा को बोलने वाले और सभी जनजातीय समूह के लोग शामिल थे.
इतिहासकार प्रोफेसर मृदुला मुखर्जी ने कहा कि वह राष्ट्रवाद सर्वसमावेशी और बहुआयामी था, जिसमें हर क्षेत्र, धर्म, संप्रदाय, हर भाषा को बोलने वाले और सभी जनजातीय समूह के लोग शामिल थे.