यह शिक्षक भर्ती घोटाला 2014 का है, जब पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड ने प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) आयोजित की थी. साल 2021 में यह सामने आया कि कम टीईटी स्कोर वाले व्यक्तियों को शिक्षक पद दे दिए गए थे. इस घोटाले के ख़िलाफ़ इन लोगों का विरोध प्रदर्शन 950 दिनों से अधिक समय से चल रहा है.
चार जनवरी को इलाहाबाद में रहकर पढ़ाई और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र अचानक सड़कों पर निकल आए और ताली-थाली पीटते हुए लंबित भर्तियों को भरने की मांग करने लगे. उनका कहना था कि वे रोज़गार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर सोई हुई सरकार को नींद से जगाना चाहते हैं.