रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्र सरकार के तीन नए और विवादित कृषि क़ानूनों पर सिख संत राम सिंह ने केंद्र सरकार और किसानों के बीच जारी गतिरोध पर चिंता ज़ाहिर की थी.
दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को तुरंत हटाने के लिए न्यायालय में कई याचिकाएं दायर की गई हैं. इस पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र और अन्य राज्यों से जवाब मांगा है.
भाजपा की पूर्व सहयोगी पार्टी अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि भाजपा बेशर्मी से हिंदुओं को मुस्लिमों के ख़िलाफ़ उकसा रही है और अब हताशापूर्ण तरीके से शांतिप्रिय पंजाबी हिंदुओं को उनके सिख भाइयों ख़ासकर किसानों के ख़िलाफ़ कर रही है. वे देशभक्त पंजाब को सांप्रदायिकता की आग में धकेल रहे हैं.
हरियाणा के करनाल ज़िले का मामला. हादसे में आठ अन्य किसान भी घायल हुए हैं. मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन विवादित कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ पिछले 15 से भी ज़्यादा दिन से दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है.
रिलायंस जियो ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण को पत्र लिखकर कहा है कि भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया लिमिटेड उसके ख़िलाफ़ 'द्वेषपूर्ण और नकारात्मक’ अभियान चलाते हुए दावा कर रहे हैं कि जियो नंबर को उनके नेटवर्क पर पोर्ट करना किसान आंदोलन का समर्थन करना होगा.
केंद्र द्वारा लाए गए तीन नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ चल रहे किसान आंदोलन के बीच आईआरसीटीसी ने आठ से 12 दिसंबर के बीच ये ई-मेल भेजे हैं. अधिकारियों के अनुसार इन्हें सरकार के 'जनहित' संपर्क के तहत कृषि विधेयकों को लेकर लोगों को जागरूक करने और मिथकों को दूर करने के उद्देश्य से भेजा गया था.
बीते 19 दिनों से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर केंद्र द्वारा लाए गए नए कृषि क़ानूनों को वापस लेने की मांग के साथ प्रदर्शन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा के 40 किसान नेता सोमवार सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे के बीच सभी सीमाओं पर भूख हड़ताल पर बैठेंगे. इनमें से पच्चीस सिंघु, 10 टिकरी बॉर्डर और पांच यूपी बॉर्डर पर बैठेंगे.
पंजाब के उप महानिरीक्षक (कारागार) लक्षमिंदर सिंह जाखड़ ने इस्तीफ़ा देते हुए कहा कि मैं पहले एक किसान हूं और बाद में एक पुलिस अधिकारी. आज मुझे जो भी पद मिला है, वो इसलिए कि मेरे पिता ने किसान के तौर पर काम किया और मुझे पढ़ाया, इसलिए मैं खेती के लिए अपना सब कुछ छोड़ता हूं.
बीते 17 दिनों से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसान केंद्र द्वारा लाए गए नए कृषि क़ानूनों को वापस लेने की मांग के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्योगपतियों से कृषि क्षेत्र में निवेश की अपील करते हुए कहा कि कृषि में निजी क्षेत्र की ओर से जितना निवेश होना चाहिए था वहीं नहीं हुआ है.
कुल 13 आंदोलनकारी किसान संगठनों को भेजे गए मसौदा प्रस्ताव में सरकार ने कहा कि सितंबर में लागू किए गए नए कृषि क़ानूनों के बारे में उनकी चिंताओं पर वह सभी आवश्यक स्पष्टीकरण देने के लिए तैयार है, लेकिन सरकार ने क़ानूनों को वापस लेने की किसानों की मुख्य मांग के बारे में कोई ज़िक्र नहीं किया था.
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में मुख्य मिट्टी रसायनज्ञ डॉ. वरिंदरपाल सिंह ने केंद्रीय मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा के हाथों से पुरस्कार लेने से इनकार करते हुए कहा कि मेरा ज़मीर इसकी अनुमति नहीं देता, क्योंकि भारत सरकार ने शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को बेवजह तकलीफें दी हैं.
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ बीते 14 दिनों से किसान दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वे इन क़ानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों द्वारा आहूत भारत बंद का देश में मिला-जुला असर रहा. कुछ राज्यों में जनजीवन प्रभावित हुआ, वहीं कुछ राज्यों में सामान्य बना रहा.
कृषि क़ानूनों के विरोध में सड़कों पर उतरे किसानों को ‘खालिस्तानी’ घोषित करना भाजपा के उसी प्रोपगेंडा की अगली कड़ी है, जहां उसकी नीतियों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने वालों को ‘देश-विरोधी’, ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ या ‘अर्बन नक्सल’ बता दिया जाता है.
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि क़ानूनों को निरस्त किए जाने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 12 दिन से किसानों का आंदोलन जारी है. सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच शनिवार को पांचवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही थी. इसके बाद केंद्र ने गतिरोध समाप्त करने के लिए नौ दिसंबर को एक और बैठक बुलाई है.