किसान आंदोलन को बदनाम करने का प्रयास भाजपा का आज़माया हुआ तरीका है

कृषि क़ानूनों के विरोध में सड़कों पर उतरे किसानों को ‘खालिस्तानी’ घोषित करना भाजपा के उसी प्रोपगेंडा की अगली कड़ी है, जहां उसकी नीतियों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने वालों को ‘देश-विरोधी’, ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ या ‘अर्बन नक्सल’ बता दिया जाता है.

किसान आंदोलन: आठ दिसंबर के भारत बंद को विपक्षी दलों समेत कई क्षेत्रीय संगठनों का समर्थन

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि क़ानूनों को निरस्त किए जाने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 12 दिन से किसानों का आंदोलन जारी है. सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच शनिवार को पांचवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही थी. इसके बाद केंद्र ने गतिरोध समाप्त करने के लिए नौ दिसंबर को एक और बैठक बुलाई है.

किसान सही बोल रहे हैं या सत्ताधारी और टीवी चैनल!

मीडिया बोल: कृषि क़ानूनों का विरोध में किसानों के आंदोलन को बदनाम करने का अभियान तेज हो गया है. तमाम न्यूज़ चैनल किसानों के पीछे कभी विदेशी तो कभी खालिस्तानी और कभी विपक्ष हाथ बता रहे हैं. इस मुद्दे पर पंजाब विश्वविद्यालय के छात्र कार्यकर्ता रमन प्रीत सिंह और पंजाब के स्वतंत्र पत्रकार शिव इंदर सिंह से उर्मिलेश की बातचीत.

किसान आंदोलन: पंजाबी गायक हरभजन मान ने राज्य सरकार का पुरस्कार लेने से इनकार किया

इससे पहले पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने केंद्र सरकार के नए कृषि क़ानूनों के विरोध में बीते तीन दिसंबर को दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण को वापस कर दिया था. पद्मश्री और अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित कुछ खिलाड़ियों ने भी अपने सम्मान लौटाने की बात कही है.

किसानों के साथ सरकार की बातचीत बेनतीजा, आठ दिसंबर को भारत बंद का आह्वान

किसान नेताओं ने ​कहा कि यदि केंद्र सरकार उनकी मांगों को स्वीकार नहीं करती है तो वे आंदोलन को और तेज़ करेंगे. उनका कहना है कि पांच दिसंबर को देश भर में प्रधानमंत्री का पुतला फूंका जाएगा. तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ बीते 26 नवंबर से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर हज़ारों की संख्या में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं.

यह समय है जब ग़ैर-कृषि वर्ग को किसानों के साथ खड़ा होना चाहिए: पी. साईनाथ

कृषि मामलों के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार पी. साईनाथ ने कहा कि सरकार समझ रही थी कि यदि वो इस समय ये क़ानून लाती है तो मज़दूर और किसान संगठित नहीं हो पाएंगे और न विरोध कर पाएंगे, लेकिन उनका यह आकलन ग़लत साबित हुआ है.

किसान आंदोलन: एक और किसान की मौत के साथ अब तक कम से कम छह लोगों की जान गई

केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन कृषि क़ानूनों के खिलाफ पिछले नौ दिनों से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर हज़ारों की संख्या में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका कहना है कि वे निर्णायक लड़ाई के लिए दिल्ली आए हैं और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.

पंजाब: पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कृषि क़ानूनों के विरोध में पद्म पुरस्कार लौटाया

इससे पहले पद्मश्री और अर्जुन अवॉर्ड सम्मानित सहित कई पूर्व खिलाड़ियों ने भी अपने सम्मान लौटाने की बात कही है. केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए विवादित कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसान बीते 26 नवंबर से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं.

किसानों के समर्थन में पद्मश्री और अर्जुन पुरस्कार विजेता खिलाड़ियों ने सम्मान लौटाने को कहा

जिन खिलाड़ियों ने ये घोषणा की है, उनमें पद्मश्री और अर्जुन अवॉर्ड विजेता पहलवान करतार सिंह, अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित खिलाड़ी सज्जन सिंह चीमा और अर्जुन अवॉर्ड से ही सम्मानित हॉकी खिलाड़ी राजबीर कौर शामिल हैं.

किसानों के प्रदर्शन से दिल्ली में दूसरे राज्यों से आने वाले फल-सब्ज़ियों की आपूर्ति प्रभावित

आजादपुर में कृषि उत्पाद विपणन समिति के अध्यक्ष ने बताया कि दिल्ली के सिंघू और टिकरी बॉर्डर पर मार्ग बाधित होने के कारण पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर से सब्ज़ियों और फलों की आपूर्ति पर असर पड़ा है. आम दिनों में दूसरे राज्यों से क़रीब 2500 ट्रक आते हैं. अब यह संख्या घटकर 1,000 रह गई है.

किसानों के ‘दिल्ली चलो मार्च’ के दौरान कम से कम तीन लोगों की मौत

मृतकों में से दो किसान और एक वाहन मैकेनिक थे. किसान संगठनों ने मृतकों के परिजनों को नौकरी और मुआवज़ा देने की मांग की है. पंजाब और हरियाणा समेत अन्य राज्यों से आए किसान केंद्र के विवादित कृषि क़ानूनों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.

कृषि क़ानून का विरोध जताने के लिए किसानों को ​दिल्ली में प्रवेश की अनुमति

दिल्ली पुलिस ने बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड में किसानों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अनुमति दे दी है. तीन कृषि कानूनों के विरोध में बीते बृहस्पतिवार को विभिन्न किसान संगठनों ने दिल्ली चलो मार्च का आह्वान किया था, तब ​इन्हें दिल्ली और हरियाणा की सीमाओं पर रोक दिया गया था. किसानों के समर्थन में लखनऊ समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न ज़िलों में भी किसानों ने प्रदर्शन किया है.

दिल्ली चलो मार्च: कृषि क़ानूनों के विरोध में प्रदर्शन के दौरान सड़क दुर्घटना में किसान की मौत

किसान संगठनों ने इसके लिए सरकार को ज़िम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि ये बलिदान बर्बाद नहीं जाएगा. संगठनों ने पीड़ित परिवार को 20 लाख रुपये का मुआवज़ा देने की मांग की है. ये संगठन कृषि क़ानूनों के विरोध में दिल्ली चलो मार्च के तहत दो दिवसीय प्रदर्शन कर रहे हैं.

कृषि क़ानूनों के विरोध में दिल्ली आ रहे किसानों पर पानी की बौछार, आंसू गैस के गोले छोड़े गए

विवादित कृषि क़ानूनों के विरोध में 26 और 27 नवंबर को दिल्ली आ रहे किसानों को हरियाणा और उत्तर प्रदेश में रोकने की कोशिश की जा रही है. हरियाणा ने पंजाब से लगी अपनी सीमा सील कर दी है. वहीं, दिल्ली में जवानों की तैनाती कर सीमावर्ती इलाकों में निगरानी बढ़ा दी गई. कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है. कांग्रेस और दिल्ली के मुख्यमंत्री ने इन क़दमों की निंदा की है.

किसान आंदोलन: पंजाब में तकरीबन दो महीने बाद ट्रेन सेवा आंशिक तौर पर बहाल

नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ पंजाब में किसान संगठन सितंबर महीने से रेलवे स्टेशनों और पटरियों पर प्रदर्शन कर रहे थे, जिसके चलते ट्रेन सेवाएं स्थगित थीं. संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर उनके मुद्दों का हल नहीं निकाला गया तो वो दोबारा ट्रैक पर लौट आएंगे.

1 21 22 23 24 25 34