1921 के मालाबार विद्रोह के आसपास की घटनाओं पर आधारित मलयालम फिल्म ‘1921 पुझा मुथल पुझा वारे’ को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी द्वारा गठित एक समीक्षा समिति ने सात कट के साथ हरी झंडी दी थी, लेकिन जोशी ने वापस इसे दूसरी समीक्षा समिति के पास भेज दिया था, जिसने फिल्म में 12 कट लगा दिए. जिसके ख़िलाफ़ निर्देशक ने केरल हाईकोर्ट का रुख़ किया था.