मई महीने में केंद्र द्वारा वैक्सीन पॉलिसी में संशोधन किए जाने और इसे बाज़ार के लिए खोलने के बाद वैक्सीन की कुल 1.20 करोड़ खुराक में से 60.57 लाख नौ निजी अस्पतालों ने खरीदी हैं. बाकी पचास फीसदी टीके भी अधिकतर शहरों में बने 300 अस्पतालों द्वारा खरीदे गए हैं.
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में लिखा कि मुंबई में लोकल ट्रेनों समेत रेल सेवाओं पर अगर पहले ही रोक लगा दी गई होती तो कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में इतनी वृद्धि नहीं होती. मुंबई में उपनगरीय ट्रेनों को प्राथमिकता से रोका जाना चाहिए था लेकिन भारतीय रेलवे के अधिकारी ‘इसके लिए इच्छुक नहीं’ थे.
मामला महाराष्ट्र के जलगांव का है. तेज़ बुखार से जूझ रहे डॉक्टर को अस्पतालों द्वारा समय पर भर्ती न किए जाने से उनकी तबियत बिगड़ गई और अब वे एक सरकारी अस्पाल में वेंटिलेटर पर हैं.