अविवाहित साथ रहने और समलैंगिक संबंधों को भी परिवार कहा जा सकता है: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा कि क़ानून और समाज दोनों में ‘परिवार’ की अवधारणा की प्रमुख समझ है कि यह माता-पिता और उनके बच्चों के साथ एक एकल, अपरिवर्तनीय इकाई है. हालांकि कई परिस्थितियां हैं जो किसी के पारिवारिक ढांचे में बदलाव ला सकती हैं और उन्हें भी क़ानून के तहत सुरक्षा मिलनी चाहिए.