हॉर्मोन की दवाई और मेडिकल सर्जरी ने बदला लौंडा नाच और किन्नर परम्परा का स्वरूप

लौंडा नर्तक की अस्मिता सिर्फ नाच और आर्थिक पेशे से संबद्ध नहीं है. यह पुरुष के मन में औरत बनने की दबी आकांक्षा का साहसिक प्रकटीकरण है. एक लौंडा नर्तक अपने नाम, वेश-विन्यास, भाव और भंगिमाओं में पुरुष, औरत और किन्नर, तीनों लैंगिक पहचानों को एक साथ जीता है.

कोविड महामारी ने पहले से हाशिये पर पड़े एलजीबीटीक्यूआई+ समुदाय की पीड़ा को और बढ़ाया है

एलजीबीटीक्यूआई+ अधिकारों के लिए काम करने वाले सहायता समूहों और संगठनों की हेल्पलाइन पर मदद मांगने के लिए आई फोन कॉल की संख्या में हुई कई गुना बढ़ोतरी कोविड-19 महामारी के दौरान समुदाय के लिए बढ़ी चुनौतियों को दिखाती है.

धारा 377 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से आरएसएस सहमत, लेकिन समलैंगिक विवाह का समर्थन नहीं

आरएसएस के प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने कहा कि समलैंगिक विवाह प्राकृतिक नहीं होते, इसलिए हम इस तरह के संबंध का समर्थन नहीं करते हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने धारा 377 को ठहराया गैर-आपराधिक, सहमति से समलैंगिक संबंध बनाना अपराध नहीं

शीर्ष अदालत ने कहा कि एलजीबीटी समुदाय को अन्य नागरिकों की तरह समान मानवीय और मौलिक अधिकार हैं. अदालतों को व्यक्ति की गरिमा की रक्षा करनी चाहिए क्योंकि गरिमा के साथ जीने के अधिकार को मौलिक अधिकार के तौर पर मान्यता दी गई है.

सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकता को अपराध मानने वाली धारा 377 के ख़िलाफ़ याचिका संविधान पीठ को सौंपी

आईपीसी की धारा 377 कहती है कि जो कोई भी किसी पुरुष, महिला या पशु के साथ अप्राकृतिक यौनाचार करता है तो इस अपराध के लिए उसे उम्रक़ैद की सज़ा होगी.