मुस्लिम औरतों को धर्म के पिंजरे में सुरक्षित रहने की गारंटी कौन दे रहा है?

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इस्लामिक यूथ फेडरेशन ने एक तस्वीर जारी की है, जिसमें औरतों को इस्लाम के पिंजरे में क़ैद पंछी की शक्ल दी गई. बताया गया कि ये पिंजरा ही वो महफ़ूज़ जगह है, जहां औरतें न सिर्फ़ नेकियां कमा सकती हैं बल्कि तमाम 'ज़हरीली' विचारधाराओं से बची रह सकती हैं.

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय: जो धार्मिक पाठ ही नहीं है, उसको लेकर हंगामा है क्यों बरपा…

एएमयू को एक लड़की की गुस्ताख़ी पसंद नहीं आई, इसलिए एक ऐसा नारा जो इस्लामिक भी नहीं है उस पर हायतौबा मची है. ये देखना भी कम दिलचस्प नहीं है कि यूनिवर्सिटी किसी ज़िम्मेदार शैक्षणिक संस्थान की तरह व्यवहार करने की बजाय फ़तवे की किताब खोलकर बैठ गई है.

तीन तलाक़ पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के ख़िलाफ़ क्यों है जमीयत उलेमा-ए-हिंद?

जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने एक बार में तीन तलाक़ कहने पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को मौलिक अधिकारों का हवाला देते हुए मानने से इनकार किया.

वीडियो: तीन तलाक़ और मुस्लिम महिलाओं से जुड़े मसलों पर ज़किया सोमन से बातचीत

तीन तलाक़ और मुस्लिम महिलाओं से जुड़े मसलों पर भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन (#BMMA) की संस्थापक ज़किया सोमन से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.

तीन तलाक़ ख़त्म करने के लिए 18 महीने क्यों चाहिए: बीएमएमए

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के एक सदस्य ने 18 महीने तीन तलाक़ की प्रथा ख़त्म करने की बात कही है. बीएमएमए ने पूछा अभी क्यों नहीं ख़त्म किया जा सकता तीन तलाक़?

‘सूफ़ी इस्लाम की लोकप्रियता से डरे हुए हैं आतंकी’

पाकिस्तान में सहवान शरीफ़ और अलग-अलग सूफ़ी दरगाहों पर हाल ही के सालों में हुए आतंकी हमले दिखाते हैं कि इस्लामी आतंकी लोगों में सूफ़ी इस्लाम की बढ़ती लोकप्रियता से डरा हुआ महसूस कर रहे हैं.

मुस्लिम महिलाएं सम्मान से जी सकें इसके लिए विवाह कानून लागू हो: बीएमएमए

भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन ने तीन तलाक़ की व्यवस्था ख़त्म करने और पर्सनल लॉ में सुधार की ज़रूरत को महत्वपूर्ण बताया है.