असम की मरियानी विधानसभा से भाजपा विधायक रूपज्योति कुर्मी ने बीते हफ्ते कहा था कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मंदिर बनाने के लिए ताजमहल को ढहाने की सिफ़ारिश की है. असम के एक वकील ने उनके बयान को सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वाला बताते हुए स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज करवाई है. भाजपा ने विधायक के बयान के संबंध में अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक बीआर मणि ने विश्व हिंदू परिषद के इस दावे को ‘कपोल कल्पना’ क़रार दिया कि क़ुतुब मीनार मूल रूप से एक ‘विष्णु स्तंभ’ था और आगाह किया कि परिसर में संरचनाओं के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ के परिणामस्वरूप 1993 में यूनेस्को द्वारा मिला विश्व धरोहर का दर्जा रद्द कर दिया जाएगा.
एक याचिका में कहा गया था कि मुहम्मद ग़ोरी के सेनापति क़ुतुबद्दीन ऐबक ने विष्णु हरि मंदिर और 27 जैन मंदिरों को नष्ट कर परिसर के भीतर एक आंतरिक निर्माण कराया था और परिसर का नाम बदलकर ‘कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद’ कर दिया था. इसे ख़ारिज करते हुए दिल्ली की एक अदालत ने कहा कि पिछली ग़लतियों के आधार पर वर्तमान और भविष्य की शांति को भंग नहीं किया जा सकता.
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि कुतुब मीनार हमारी संस्कृति का सबसे बड़ा उदाहरण है. यह एक ऐसा स्मारक है, जो 27 मंदिरों को ढहाकर बना था और आजादी के बाद भी यह विश्व धरोहर है.
प्रदूषण के कारण ताज महल की रंगत फीकी पड़ने की वैज्ञानिक पुष्टि होने के बाद यह साबित हो चुका है कि प्रदूषण के कुप्रभावों से पुरातात्विक स्थल अछूते नहीं हैं.