कैसे भारतीय उपमहाद्वीप में रेडियो राजनीति का ज़रिया रहा है

वीडियो: भारतीय उपमहाद्वीप में रेडियो के इतिहास को इतिहासकार और कोलंबिया यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर इज़ाबेल वाकुहा एलोंसो ने 'रेडियो फॉर द मिलियंस: हिंदी-उर्दू ब्रॉडकास्टिंग अक्रॉस बॉर्डर' किताब में दर्ज किया है. उनसे इस किताब, आज़ादी से पहले और बाद की प्रसार नीतियों और उन पर श्रोताओं की प्रतिक्रियाओं को लेकर बातचीत.

सुनील दत्त: एक फिल्मी सितारे से कहीं बड़ी थी उनकी शख़्सियत

जब मुंबई में दंगे भड़के, तब सुनील दत्त ने अपनी ही सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोलते हुए संसद से इस्तीफ़ा दे दिया. उनका मानना था कि कांग्रेस ने हालात को सही से नहीं संभाला है और एक सांसद की हैसियत से वे कुछ नहीं कर पा रहे हैं.

‘विविध भारती आम आदमी के जीवन का बैकग्राउंड म्यूज़िक है’

तीन अक्टूबर को विविध भारती की स्थापना के 61 बरस पूरे हो गए. इतने बरस की विविध भारती की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि उसने हमारी ज़िंदगी को सुरीला बनाया है.