सुदर्शन न्यूज़ के सुरेश चव्हाणके ने यह नया विवाद तब खड़ा किया, जब हफ्ते भर पहले सोशल मीडिया पर 10 उम्मीदवारों की एक सूची वायरल हुई. सूची में जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों के नाम थे, जिन्हें पवन हंस लिमिटेड कंपनी के प्रशिक्षु कार्यक्रम के लिए चुना गया था. ये सभी मुस्लिम हैं. चैनल का आरोप है कि सरकारी उपक्रमों द्वारा हिंदुओं को नौकरियों से वंचित किया जा रहा है.
एक स्वयंभू हिंदुत्व नेता रागिनी तिवारी ने एक वीडियो में खुलेआम हिंसा से किसान आंदोलन को ख़त्म करवाने की धमकी दी थी. नागरिकता संशोधन विधेयक के ख़िलाफ़ हो रहे प्रदर्शन के दौरान इस साल 22 फ़रवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के ज़ाफ़राबाद में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे.